Share market: शेयर बाजार में धमाका, सेंसेक्स पहली बार 80,000 के पार!
भारतीय शेयर बाजार के लिए 3 जुलाई, 2024 का दिन बेहद खास रहा। 30 शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक BSE सेंसेक्स पहली बार इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान 80,000 के आंकड़े को पार कर गया और इस तरह एक नए रिकॉर्ड की स्थापना की. महज सात महीनों के भीतर ही BSE बेंचमार्क इंडेक्स 70,000 से 80,000 के स्तर तक पहुंचने में सफल रहा है।
सेंसेक्स में इतनी तेजी आने का मुख्य कारण बैंकिंग शेयरों में शानदार उछाल है। बैंकिंग शेयरों में कुल मिलाकर तेजी देखी गई, खासकर HDFC बैंक के शेयरों में जबरदस्त बढ़त दर्ज की गई। आज HDFC बैंक के शेयरों ने 1 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 4 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1794 रुपये के भाव पर पहुंच गए।
70,000 से 80,000 कीระดับ (dabda) पार करने के दौरान BSE सेंसेक्स कैलेंडर वर्ष 2024 (CY24) में अब तक 10.8 प्रतिशत की बढ़त दर्ज कर चुका है। सिर्फ जून महीने में ही इंडेक्स ने 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। यह बढ़त लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद आर्थिक विकास को लेकर सकारात्मक रुझानों के कारण संभव हुई थी।
Share market: आगे बाजार में तेजी की क्या संभावना है?
विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में भी बाजार में तेजी बने रहने की संभावना है, लेकिन निवेशकों को अब थोड़ा धैर्य रखना होगा। इतने ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद अब शायद ही कोई लगातार तेजी देखने को मिले। आने वाले समय में घरेलू संकेतों जैसे बजट, नई सरकार के 100 दिन के एजेंडे, मानसून की स्थिति, मुद्रास्फीति की दर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ब्याज दरों से जुड़े फैसले और कंपनियों की कमाई पर बाजार की नजर रहेगी। ये ही फैक्टर बाजार की तेजी या मंदी को तय करेंगे।
वहीं वैश्विक स्तर पर भी कई पहलुओं पर नजर रखनी होगी, जिनमें भ geopolitical developments, प्रमुख देशों खासकर अमेरिका में चुनाव परिणाम, केंद्रीय बैंकों के नीतिगत फैसले और कच्चे तेल की कीमतें शामिल हैं।
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Share market: बाजार की तेजी पर फेड के फैसले का भी असर
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के अनुसार, अमेरिकी मुद्रास्फीति दर को लेकर फेड का हालिया बयान वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजारों के लिए सकारात्मक खबर है। महीने दर महीने के आधार पर 2.6 फीसदी मुद्रास्फीति के आंकड़े पर प्रतिक्रिया देते हुए, फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका अब disinflationary path पर है, यानी मुद्रास्फीति दर कम होने की राह पर है।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘फेड का अगला कदम दरों में कटौती हो सकती है, जो वैश्विक इक्विटी बाजारों सहित भारत के लिए अच्छी खबर है। RBI भी अगली नीति बैठक में दर कटौती का ऐलान कर सकता है।’
शेयरखान by BNP Paribas के कैपिटल मार्केट स्ट्रैटेजी और इन्वेस्टमेंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और हेड गौरव दुआ ने कहा कि बाजार एक दायरे से बाहर आ गया है और छोटे नजरिए से मजबूत दिख रहा है। उन्होंने हालांकि यह भी सलाह दी है कि मौजूदा स्तरों पर बाजार का मूल्यांकन सस्ता
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