SHARE MARKET: अब म्यूचुअल फंड में नहीं होगी गड़बड़ी! म्यूचुअल फंड में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सख्त नियम 1 नवंबर से लागू

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शेयर बाजार में अक्सर इनसाइडर ट्रेडिंग या फ्रंट रनिंग जैसे शब्द सुनाई देते हैं। खासकर, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में। कई बार फंड हाउस से जुड़े लोगों पर गोपनीय जानकारी का इस्तेमाल कर पैसे कमाने का आरोप लगता है। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री पर भी पारदर्शी नहीं होने का आरोप लगता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा।

दरअसल, मार्केट रेगुलेटर सेबी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सख्त नियम ला रहा है। इसमें खासकर इनसाइडर ट्रेडिंग पर लगाम लगाने का प्रावधान है। आइए जानते हैं नए नियमों का क्या असर होगा।

SHARE MARKET: गोपनीयता समझौते पर करना होगा हस्ताक्षर

शेयर बाजार के जानकार के मुताबिक, सेबी का नया नियम उन कर्मचारियों के लिए होगा जिनके पास प्राइस सेंसिटिव यानी किसी कंपनी के शेयर की कीमत में कमी या बढ़ोतरी जैसी जानकारी होती है। ऐसे व्यक्ति को डिजिग्नेटेड पर्सन कहा जाएगा। इन सभी को एक गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा कि वे कोई भी संवेदनशील जानकारी साझा नहीं करेंगे।

SHARE MARKET: रिश्तेदारों की होल्डिंग भी बतानी होगी

सेबी ने 26 जुलाई को नए नियमों को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया। इसके मुताबिक, प्राइस सेंसिटिव जानकारी रखने वाले अब म्यूचुअल फंड यूनिट का कारोबार नहीं कर सकेंगे। साथ ही एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) को बताना होगा कि ट्रस्टी और उसके रिश्तेदारों की म्यूचुअल फंड स्कीम में कितनी होल्डिंग है। नॉमिनी के ट्रांजेक्शन की जानकारी भी दो दिन के भीतर देनी होगी।

SHARE MARKET: अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण की होगी समीक्षा

नए इनसाइडर ट्रेडिंग नियम 1 नवंबर 2024 से लागू होंगे। इसके तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को समय-समय पर अपने इंटरनल कंट्रोल की समीक्षा भी करनी होगी। सेबी काफी समय से इन नियमों को लागू करना चाहता था। इसने जुलाई 2022 में इनसाइडर ट्रेडिंग पर एक कंसल्टेशन पेपर भी जारी किया था। लेकिन, इंडस्ट्री की तरफ से विरोध के चलते नए नियमों के लागू होने में देरी हुई।

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