olympics 2024: ओलंपिक का गोल्ड मेडल क्या सच में सोने का होता है?और उनकी कीमत कितनी होती है
इन दिनों ओलंपिक खेलों का काफी उत्साह से आयोजन हो रहा है। पूरी दुनिया की नजरें ओलंपिक खेलों पर होती हैं क्योंकि इस खेल में हर देश के खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। ओलंपिक खेल चार साल में एक बार खेले जाते हैं। इस खेल में जो खिलाड़ी जीतते हैं उन्हें कांस्य, रजत या स्वर्ण पदक दिया जाता है। इस ओलंपिक खेलों में भारत को तीन कांस्य पदक मिल चुके हैं। लेकिन अभी तक गोल्ड मेडल नहीं मिला है। उम्मीद है कि भारत को किसी न किसी खेल में गोल्ड मेडल जरूर मिलेगा।
लेकिन जब बात पदक की आती है तो हमारे मन में एक सवाल जरूर आता है कि क्या यह गोल्ड मेडल सोने का बना होता है। यह सवाल आपके मन में भी कई बार आया होगा। अगर आपके मन में भी यही सवाल है कि गोल्ड मेडल सोने का बना है या किसी और धातु का इस्तेमाल किया जाता है। तो आइए इस सवाल का जवाब देते हैं।
क्या गोल्ड मेडल सोने का बना होता है?
गोल्ड मेडल को ओलंपिक में सबसे बड़ा पदक माना जाता है। यानी विजेताओं को गोल्ड मेडल दिया जाता है। इस गोल्ड मेडल का कुल वजन करीब 556 ग्राम होता है। ऐसे में अब हमारे मन में सवाल आता है कि गोल्ड मेडल में 556 ग्राम सोना होगा। लेकिन ऐसा नहीं है, 556 ग्राम के गोल्ड मेडल में सिर्फ 6 ग्राम सोना होता है। इसके अलावा 92.5 ग्राम चांदी मिलाया जाता है। बाकी के गोल्ड मेडल में कॉपर धातु का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह गोल्ड, सिल्वर और कॉपर को मिलाकर गोल्ड मेडल बनाया जाता है।
गोल्ड मेडल पूरा सोने का क्यों नहीं बनाया जाता?
दरअसल सोने की कीमत ज्यादा होने की वजह से पूरा गोल्ड मेडल सोने का नहीं बनाया जाता है। अगर 556 ग्राम का गोल्ड मेडल पूरा सोने का बनाया जाए तो यह थोड़ा मुश्किल है और फिर इस गोल्ड मेडल की कीमत भी ज्यादा हो जाएगी।
गोल्ड मेडल की कीमत कितनी होती है?
वैसे तो गोल्ड मेडल सिल्वर, गोल्ड और कॉपर से मिलकर बना होता है। फिर भी एक गोल्ड मेडल बनाने में 55 से 60 हजार रुपये का खर्च आता है।
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