Vishwakarma Jayanti Utsav: जानिए विश्वकर्मा जयंती कब और क्यू मनाई जाती है और साथ ही पूजा का महत्व और विधि
Vishwakarma Jayanti Utsav : विश्वकर्मा जयंती एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान विश्वकर्मा की पूजा के रूप में मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के देवता और सभी प्रकार के निर्माण, वास्तुकला, औद्योगिक कार्यों और यांत्रिक कार्यों के स्वामी माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है जो निर्माण, इंजीनियरिंग, कारखाने, औद्योगिक कार्य और मशीनरी से जुड़े होते हैं।
Vishwakarma Jayanti Utsav: जानिए विश्वकर्मा जयंती कब और क्यू मनाई जाती है और साथ ही पूजा का महत्व और विधि
Vishwakarma Jayanti Utsav कब मनाई जाती है:
विश्वकर्मा जयंती हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है। यह दिन भगवान विश्वकर्मा के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और इसे “विश्वकर्मा पूजा” भी कहा जाता है। कुछ स्थानों पर इसे दिवाली के अगले दिन भी मनाया जाता है, जिसे कार्तिक मास में प्रबोधिनी एकादशी के रूप में जाना जाता है।
Vishwakarma Jayanti Utsav महत्व:
भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मा द्वारा सृष्टि का रचयिता और दिव्य वास्तुकार माना जाता है। मान्यता है कि उन्होंने देवताओं के लिए अद्भुत शहर, अस्त्र-शस्त्र और वाहनों का निर्माण किया, जैसे स्वर्ग लोक, लंका, द्वारका, इंद्र का वज्र और पुष्पक विमान। उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए इस दिन लोग अपने औजारों, मशीनों और उपकरणों की पूजा करते हैं।
Vishwakarma Jayanti Utsav पूजा विधि:
- इस दिन कारखानों, दुकानों और कार्यस्थलों को साफ-सुथरा करके सजाया जाता है।
- भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा की स्थापना करके पूजा की जाती है।
- कार्यस्थलों पर औजारों और मशीनों को फूल, अक्षत (चावल) और धूप से पूजते हैं।
- प्रसाद के रूप में मिठाई और फल चढ़ाए जाते हैं और फिर प्रसाद बांटा जाता है।
- भगवान से सुख, समृद्धि और कार्यों में सफलता की प्रार्थना की जाती है।
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Vishwakarma Jayanti Utsav :
देश के विभिन्न हिस्सों में, विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों और फैक्ट्रियों में विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। कामकाज के बाद सामूहिक भोज, सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेलों का आयोजन भी किया जाता है।